वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 18 सितंबर 2024 को का शुभारंभ किया है। यह NPS Vatsalya Scheme बच्चों के लिए दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बनाई गई है। माता-पिता अब अपने बच्चों के नाम पर निवेश कर सकते हैं, जिसमें कई निवेश विकल्प और आंशिक निकासी की सुविधा शामिल है।
इस योजना की घोषणा केंद्रीय बजट 2024-25 में की गई थी। वित्त मंत्री ने एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म भी लॉन्च किया, जिससे अभिभावक आसानी से निवेश कर सकेंगे। इस अवसर पर नाबालिग ग्राहकों को स्थाई सेवानिवृत्ति खाता संख्या (PRAN) कार्ड भी वितरित किए गए।
NPS वात्सल्य योजना क्या है?
NPS Vatsalya Scheme भारत की मौजूदा राष्ट्रीय पेंशन योजना का एक महत्वपूर्ण विस्तार है। इसे पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) द्वारा संचालित किया जाता है, और इसका मुख्य ध्यान बच्चों के भविष्य पर है। यह योजना बच्चों के लिए दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बनाई गई है।
NPS Vatsalya Scheme के मुख्य बिंदु
योजना का नाम | NPS वात्सल्य योजना |
लॉन्च करने वाला | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण |
लॉन्च की तारीख | 18 सितंबर 2024 |
आधार | 2024-25 का केंद्रीय बजट |
लक्षित वर्ग | जरूरतमंद बच्चे (नाबालिग) |
न्यूनतम जमा राशि | ₹1000 |
उद्देश्य | दीर्घकालिक निवेश के माध्यम से बच्चों के वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करना |
प्रबंधन | पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) |
निवेश का तरीका
NPS Vatsalya Scheme के तहत माता-पिता अपने बच्चे के पेंशन फंड में योगदान कर सकते हैं, जिससे भविष्य में वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी। यह पहल 2024-25 के केंद्रीय बजट में महत्वपूर्ण स्थान रखती है।
NPS वात्सल्य योजना के लिए पात्रता
– आयु सीमा :- यह योजना 18 वर्ष से कम आयु के नाबालिग बच्चों के लिए है।
– अभिभावक की भागीदारी :- माता-पिता या कानूनी अभिभावक अपने नाबालिग बच्चों के लिए NPS वात्सल्य खाता खोल सकते हैं।
– भारतीय नागरिक :- यह योजना उन भारतीय नागरिकों के लिए है जो अपने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करना चाहते हैं।
योजना का उद्देश्य
इस योजना के माध्यम से माता-पिता अपने बच्चों के रिटायरमेंट फंड के लिए निवेश कर सकते हैं। यह मौजूदा NPS की तरह ही कार्य करती है, जिससे लोग अपने करियर के दौरान नियमित योगदान देकर सेवानिवृत्ति के लिए एकत्रित धन बना सकते हैं। पारंपरिक फिक्स्ड इनकम विकल्पों के मुकाबले, NPS में योगदान को इक्विटी और बांड जैसी बाजार से जुड़ी परिसंपत्तियों में निवेश किया जाता है, जिससे अधिक रिटर्न की संभावना रहती है।
खाता खोलने के नियम
बच्चों के लिए NPS Vatsalya Scheme का खाता विभिन्न स्थानों पर खोला जा सकता है, जैसे कि बैंक, डाकघर, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म या ई-एनपीएस के माध्यम से। इसके अलावा, आप अपने बच्चे के लिए एनपीएस वात्सल्य खाता खोलने के लिए इस वेबसाइट पर भी जा सकते हैं.
पैसे निकालने के नियम
NPS वात्सल्य योजना में 3 साल का लॉक-इन पीरियड होता है। लॉक-इन पीरियड खत्म होने के बाद, यदि बच्चे की उम्र 18 साल से कम है, तो शिक्षा, चिकित्सा या विकलांगता जैसी विशेष परिस्थितियों में कुल योगदान का 25% तक निकाला जा सकता है। ध्यान रहे, यह प्रक्रिया अधिकतम 3 बार की जा सकती है।
जब बच्चा 18 साल का हो जाएगा, तब उसका NPS वात्सल्य खाता नियमित NPS खाते में परिवर्तित हो जाएगा। इस उम्र में, बच्चा अपने NPS खाते को जारी रख सकता है। 18 साल की उम्र पूरी होने के 3 महीने के भीतर KYC कराना अनिवार्य होगा। इसके बाद, जमा कुल राशि का कम से कम 80% हिस्सा एन्युटी प्लान में जाएगा, जबकि शेष 20% राशि एकमुश्त निकाली जा सकती है। यदि खाते में जमा कुल राशि 2.5 लाख रुपये या उससे कम है, तो पूरा पैसा एक बार में निकाला जा सकता है।
मृत्यु की स्थिति में
यदि खाताधारक बच्चे की मृत्यु हो जाती है, तो उसके नाम पर जमा सभी पैसे माता-पिता (नॉमिनी) को वापस किए जाएंगे। यदि माता या पिता में से किसी एक की मृत्यु होती है, तो एक नया KYC कराकर दूसरे अभिभावक को पंजीकृत किया जाएगा। यदि माता और पिता दोनों की मृत्यु हो जाती है, तो कोई कानूनी अभिभावक बिना योगदान किए खाते को जारी रख सकता है, जब तक बच्चा 18 साल का नहीं हो जाता।
निष्कर्ष
NPS वात्सल्य योजना बच्चों के वित्तीय सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे माता-पिता को न केवल निवेश करने का अवसर मिलेगा, बल्कि वे अपने बच्चों के लिए दीर्घकालिक लाभ भी सुनिश्चित कर सकेंगे। यह योजना देशभर में कई स्थानों पर लॉन्च की जाएगी, जिससे अधिक से अधिक लोग इस योजना का लाभ उठा सकें।